Haryana News केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने चंडीगढ़ दौरे के दौरान एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक नहर) विवाद पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस मसले का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाएगा और केंद्र सरकार इसे हल करने की पूरी कोशिश करेगी।

दिल्ली के पानी पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
दिल्ली को जहरीला पानी देने के आरोपों पर जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि वे 16 सालों से दिल्ली का पानी पी रहे हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने यमुना के प्रदूषण के लिए दिल्ली में औद्योगिक कचरे, सीवरेज और कूड़े को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही आश्वासन दिया कि नई सरकार के कार्यकाल में यमुना को स्वच्छ बनाने पर तेजी से काम किया जाएगा।
दिल्ली को जरूरत से ज्यादा पानी मिल रहा – पाटिल
दिल्ली को कम पानी मिलने के दावों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली की जरूरत 700 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) है, जबकि उसे 925 एमसीएम पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके बावजूद जल संरक्षण को बढ़ावा देने और जल संचयन के लिए ब्लॉकों व गांवों में नई संरचनाएं स्थापित की जाएंगी।
हरियाणा के डार्क जोन में सुधार की योजना
हरियाणा में भूजल स्तर गिरने पर चिंता जताते हुए पाटिल ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय प्रदेश के डार्क जोन ब्लॉकों में जल स्तर सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाएगा। उन्होंने बताया कि देशभर में 150 जिलों के ब्लॉक डार्क जोन में हैं, जिनमें हरियाणा भी शामिल है। भूजल पुनर्भरण और जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है।
हरियाणा को बजट में 76 हजार करोड़ का आवंटन
पाटिल ने बताया कि केंद्रीय बजट 2024 में हरियाणा को 76 हजार करोड़ रुपये विकास परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, 78 हजार करोड़ रुपये अनुदान के रूप में मिले हैं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले हरियाणा को केवल 19 हजार करोड़ रुपये का बजट और 21 हजार करोड़ रुपये अनुदान के रूप में मिलता था, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में हरियाणा को अब ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मध्यम वर्ग को कर राहत का लाभ
बजट 2024 को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बजट हर वर्ग के लिए फायदेमंद है। विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लिए सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर दिया है, जिससे करीब 7 करोड़ करदाताओं को राहत मिलेगी। इस फैसले से लोगों की खरीद क्षमता बढ़ेगी और उद्योग जगत को भी फायदा पहुंचेगा।