Haryana Budget 2025 हरियाणा के आगामी बजट में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने, गरीबों के जीवन स्तर में सुधार और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जनता से बजट पूर्व सुझाव लिए गए हैं। इस बार सीएम सैनी 2 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करेंगे।

बजट में दिखेगी केंद्र सरकार की झलक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संकेत दिया है कि हरियाणा के बजट में केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की झलक देखने को मिलेगी। विभिन्न जिलों में जाकर उद्यमियों और आम जनता से बजट पर चर्चा की जा रही है।
एमएसएमई सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए प्रविधान कर सकती है। केंद्र सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए लोन गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे छोटे उद्योगों को अधिक सहायता मिलेगी।
कृषि और कपड़ा उद्योग के लिए बड़े फैसले
हरियाणा में कपास उत्पादन को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए बजट में महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं। सिरसा, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जैसे जिलों में कपास उद्योग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
महिलाओं और स्टार्टअप को मिलेगी राहत
एससी-एसटी वर्ग की पांच लाख महिलाओं के लिए केंद्र सरकार ने दो करोड़ रुपये के टर्म लोन की योजना शुरू की है, जिसे हरियाणा के बजट में भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स के लिए ऋण सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का प्रविधान हो सकता है।
स्वास्थ्य और शिक्षा में नए कदम
राज्य सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना पर काम कर रही है, जिससे मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए बड़े प्रविधान हो सकते हैं।
औद्योगिक सुधार और नॉन-कंफर्मिंग एरिया को राहत
हरियाणा सरकार औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने और नॉन-कंफर्मिंग एरिया को कंफर्म करने की दिशा में बजट में अहम घोषणाएं कर सकती है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को और बेहतर बनाने के लिए नई नीतियां पेश की जाएंगी।
बजट सुझाव देने के लिए पोर्टल जारी
सरकार ने बजट को लेकर सुझाव देने के लिए https://bamsharyana.nic.in पोर्टल जारी किया है, जहां नागरिक अपने विचार साझा कर सकते हैं। अब तक 9,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
हरियाणा बजट 2024-25 की मुख्य झलकियां
- जीएसडीपी वृद्धि दर: 4.2% (राष्ट्रीय स्तर पर 7.2%)
- कुल व्यय: 1,55,832 करोड़ रुपये (2023-24 के मुकाबले 13% अधिक)
- राजस्व घाटा: जीएसडीपी का 1.5% (17,817 करोड़ रुपये)
- राजकोषीय घाटा: जीएसडीपी का 2.77% (33,635 करोड़ रुपये)
इस बार का बजट हरियाणा की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ सामाजिक और औद्योगिक विकास को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।