Haryana Vritant

होली के आयोजन में अग्नि प्रज्ज्वलित कर वायुमंडल से संक्रामक कीटाणुओं को दूर करने का प्रयास होता है। इस दहन में वातावरण शुद्धि हेतु हवन सामग्री के अलावा गूलर की लकड़ी, गोबर के उपले, नारियल

होलिका दहन 2023:  इस दहन में वातावरण शुद्धि हेतु हवन सामग्री के अलावा गूलर की लकड़ी, गोबर के उपले, नारियल, अधपके अन्न आदि के अलावा बहुत-सी अन्य निरोधात्मक सामग्री का प्रयोग किया जाता है, जिससे आने वाले रोगों के कीटाणु मर जाते हैं। जब लोग उच्च ताप वाली होलिका के गिर्द परिक्रमा करते हैं तो उनमें रोगोत्पादक जीवाणुओं को समाप्त करने की प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और वे कई रोगों से बच जाते हैं।

ऐसी दूरदृष्टि भारत के हर पर्व में विद्यमान है जिसे समझने और समझाने की आवश्यकता है। देश भर में एक साथ एक विशिष्ट रात में होने वाले होलिका दहन, इस सर्दी और गर्मी की ऋतु-संधि में फूटने वाले मलेरिया, वायरल, फ्लू आदि तथा अनेक संक्रामक रोग-कीटाणुओं के विरुद्ध यह एक धार्मिक सामूहिक अभियान है।

समस्याओं के लिए कर सकते हैं कुछ विशेष उपाय

  • होली व दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं तथा छोटे-छोटे उपाय सार्थक हो जाते हैं। कुछ उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं।
  • धनवृद्धि हेतु होलिका में यह मंत्र ‘ ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नम: ’ 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं। यदि  सरकार या व्यक्ति विशेष से बाधा है तो-होलिका में उल्टे चक्कर लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े, विरोधी का नाम लेते हुए डालें।
  • यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल ,एक छोटा टुकड़ा फिटकरी, एक सूखा नारियल  लेकर उस पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में दहन कर दें।
  • दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए-रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक-एक करके परिक्रमा करते हुए डालें। यह उपाय माता- पिता अपने बच्चों, वर-वधू की फोटो पर घुमा कर भी कर सकते हैं।
  • व्यापार वृद्धि तथा नजर उतारने के लिए  दुकान, ऑफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की 7-7 ढेरियां रखें। इन पर एक-एक काली मिर्च रखें। 7 नींबू के 2-2 टुकड़े करके इन ढेरियों पर रखें। ओम् कपालिनी स्वाहा!  मंत्र का 7 बार पाठ करें। 
  • किसी प्रकार का भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन, होलिका दहन में अर्पित करें। गले या वाणी या त्वचा संबंधी रोग के लिए- हरी मूंग की एक मुट्ठी डालें।

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