Panchkula News हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) के चयन को लेकर कांग्रेस में खींचतान तेज हो गई है। कई नामों पर विचार हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी पर सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच सात बार के विधायक डॉ. रघुबीर कादियान का नाम भी चर्चा में है। बताया जा रहा है कि उनके नाम के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट की रणनीति है।
डॉ. रघुबीर कादियान और गीता भुक्कल दौड़ में शामिल
विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक डॉ. रघुबीर कादियान और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल नेता प्रतिपक्ष की रेस में प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने और 17 अक्टूबर को नई सरकार के गठन के बावजूद कांग्रेस अब तक एलओपी का नाम तय नहीं कर सकी है।
चर्चा के लिए बुलाए गए थे पर्यवेक्षक
कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्टूबर को चार पर्यवेक्षक भेजकर विधायक दल की बैठक बुलाई थी। हालांकि, इस बैठक में अंतिम निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया गया। 20 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
गैर-जाट चेहरे की चर्चा में अशोक अरोड़ा
हुड्डा गुट से जुड़े गैर-जाट चेहरे अशोक अरोड़ा का नाम भी तेजी से उभर रहा है। हालांकि, उनके लंबे समय तक चौटाला परिवार से जुड़े रहने और हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने के कारण हाईकमान उनके नाम पर सहमत नहीं दिख रहा।
चंद्रमोहन बिश्नोई के नाम पर मतभेद
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम भी चर्चा में है, लेकिन उनके पक्ष में कम और विपक्ष में ज्यादा तर्क दिए जा रहे हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और सांसद कुमारी सैलजा को मुख्यमंत्री बनाने के बयानों के कारण हाईकमान उनके नाम को लेकर असमंजस में है।
भूपेंद्र हुड्डा की दावेदारी कमजोर
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का नाम भी सूची में है, लेकिन उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है। हुड्डा पहले ही 2019 से 2024 तक नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
24 नवंबर तक हो सकता है एलओपी का ऐलान
कांग्रेस हाईकमान पार्टी में गुटबाजी के बावजूद सीनियर और अनुभवी नेता पर भरोसा जताकर नाम का ऐलान 24 नवंबर तक कर सकता है। विधानसभा सत्र के दौरान हुड्डा ने संकेत दिया था कि महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बाद एलओपी का नाम तय होगा। अब जब दोनों राज्यों के चुनाव हो चुके हैं, तो जल्द निर्णय की उम्मीद है।