HARYANA VRITANT

Karnal News करनाल में बिजली निगम ने 36 करोड़ रुपये की लागत से बिजली लाइनों को भूमिगत करने की परियोजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य मुख्य बाजार में तारों के जाल से राहत दिलाना और बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाना है। इस परियोजना के तहत पुराने ट्रांसफार्मर हटाकर 1000 केवीए के कॉम्पैक्ट सेकेंडरी सबस्टेशन (सीएसएस) के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

किन क्षेत्रों में होगा कार्य

इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के मुख्य इलाकों में भूमिगत लाइनों का कार्य किया जाएगा, जिनमें प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:

  • आंबेडकर चौक से घंटाघर चौक
  • घंटाघर चौक से पुरानी सब्जी मंडी और कुंजपुरा रोड तक
  • जिला नागरिक अस्पताल से मीरा घाटी चौक और मेरठ चौक तक

परियोजना की विशेषताएं

  1. लाइन बिछाने का कार्य:
    • 13 किलोमीटर एचटी लाइन और 16 किलोमीटर एलटी लाइन बिछाई जाएगी।
    • 19 कॉम्पैक्ट सेकेंडरी सबस्टेशन (सीएसएस) और 25 रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) लगाए जाएंगे।
    • 132 फीडर पिलर और उच्च घनत्व पॉलिथीन (एचडीपीई) पाइप का उपयोग किया जाएगा।
  2. निर्बाध बिजली आपूर्ति:
    • उपभोक्ताओं को दो फीडरों से बिजली सप्लाई का विकल्प मिलेगा।
    • यदि एक फीडर में खराबी आएगी, तो दूसरे फीडर से बिजली आपूर्ति चालू हो सकेगी।

खुले तारों की समस्या का समाधान

खुले बिजली तारों की समस्या, जिसमें अक्सर फॉल्ट और खराबी आती थी, इस परियोजना के बाद समाप्त हो जाएगी। मुख्य बाजार की सड़कों पर तारों के जाल से राहत मिलने से दुकानदारों और राहगीरों को सुविधा होगी।

सीएसएस: बिजली आपूर्ति का आधुनिक समाधान

कॉम्पैक्ट सेकेंडरी सबस्टेशन (सीएसएस) बिजली आपूर्ति के लिए एक प्री-फैब्रिकेटेड और अत्याधुनिक तकनीक है। इसमें एमवी स्विचगियर, वितरण ट्रांसफार्मर और एलवी स्विचबोर्ड शामिल हैं। इसकी क्षमता पारंपरिक ट्रांसफार्मर से अधिक है और यह निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित करता है।

परियोजना का क्रियान्वयन और समयसीमा

इस कार्य को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली निगम ने इसके लिए दिल्ली की गो पावर इलेक्ट्रिक कंपनी को टेंडर दिया है। सबसे पहले उन सड़कों पर भूमिगत लाइनें बिछाई जाएंगी, जहां लोगों और वाहनों की आवाजाही अधिक है।

परियोजना की लागत और प्रगति

शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के लिए 32 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। लेकिन सर्वेक्षण और आवश्यक संशोधन के बाद इसे 36 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया। अभी तक अधिकांश उपकरण, जैसे आरएमयू, एचटी लाइन और एलटी लाइन, परियोजना स्थल पर पहुंच चुके हैं।

एसडीओ का बयान:

“ग्रैप-चार लागू होने के कारण कुछ स्थानों पर कार्य धीमा हुआ है, लेकिन प्राथमिकता से इसे पूरा किया जाएगा। उच्च घनत्व पॉलीथीन पाइप सबसे पहले डाली जाएगी।