Chandigarh News कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। इस महोत्सव में संयुक्त राज्य गणराज्य तंजानिया को भागीदार देश और ओडिशा को भागीदार राज्य के रूप में आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आयोजन से न केवल गीता के ज्ञान का प्रचार होगा, बल्कि कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को भी विश्व मंच पर एक नई पहचान मिलेगी।
ब्रह्मसरोवर पर गीता महाआरती
महोत्सव के दौरान, ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक प्रतिदिन गीता महाआरती का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण रहेगा। पांच दिसंबर को ब्रह्मसरोवर पर गीता यज्ञ और पूजन के साथ महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी और अन्य आयोजन
5 दिसंबर से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, महोत्सव के दौरान कई अन्य प्रमुख कार्यक्रम होंगे:
- 9 दिसंबर: पुरुषोत्तमपुरा भाग में संत सम्मेलन।
- 10 दिसंबर: अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन।
गीता जयंती पर विशेष कार्यक्रम
11 दिसंबर को गीता जयंती के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाएंगे:
- ज्योतिसर तीर्थ पर गीता पाठ और भागवत पाठ।
- 18,000 विद्यार्थियों द्वारा गीता का सामूहिक पाठ।
- 48 कोस क्षेत्र के 182 तीर्थों पर दीपोत्सव।
- सभी जिला मुख्यालयों पर 9 से 11 दिसंबर तक गीता महोत्सव के आयोजन।
गीता पुस्तक मेला और सरस मेला
महोत्सव के दौरान ब्रह्मसरोवर पर 5 से 11 दिसंबर तक गीता पुस्तक मेला और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक सरस मेला भी आयोजित होगा, जिसमें हस्तशिल्प, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और स्थानीय व्यंजन विशेष आकर्षण रहेंगे।
अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर रहा महोत्सव
मुख्यमंत्री ने बताया कि गीता महोत्सव को पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। पहली बार 2019 में इसे मॉरीशस में, 2022 में कनाडा में, 2023 में ऑस्ट्रेलिया में और अब 2024 में श्रीलंका और इंग्लैंड में भी मनाया जाएगा। यह आयोजन न केवल गीता के संदेश को विश्व स्तर पर फैलाने का माध्यम बना है, बल्कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान को भी सुदृढ़ कर रहा है।
मुख्य अतिथियों का आभार
मुख्यमंत्री सैनी ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, ओडिशा के राज्यमंत्री सूर्यवंशी सूरज और तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीसा कपुफी मबेगा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों से इस महोत्सव को अपार सफलता और लोकप्रियता मिली है। अब इसे और भव्य बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की महिमा
महोत्सव के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने बताया कि 48 कोस क्षेत्र में फैले 182 तीर्थों की पहचान की जा चुकी है। इन तीर्थों को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने जनता और विभागों से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की।