HARYANA VRITANT

Hisar News अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में चल रहे विवाद के तहत संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया को पद से हटाने का फैसला लिया। इस पर बुडिया ने भी बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने का एलान कर दिया, जिसका आधार उनके पुत्र का अंतरजातीय विवाह बताया गया है। दोनों के पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

सोशल मीडिया पर आरोपों की बौछार

कुलदीप बिश्नोई ने एक पत्र जारी कर आरोप लगाया कि देवेंद्र बुडिया द्वारा सोशल मीडिया पर तथ्यहीन और समाज को विभाजित करने वाले बयान दिए जा रहे हैं, जिससे समाज में टकराव की स्थिति बन रही है। वहीं, बुडिया ने कुलदीप बिश्नोई पर चंदा मांगने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ 10 करोड़ रुपये की डिमांड का दावा किया।

मारपीट और दुर्व्यवहार के आरोपों का वीडियो वायरल

देवेंद्र बुडिया ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि नलवा के विधायक रणधीर पनिहार ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिश्नोई समाज के हित में चंदा नहीं जुटाने पर उन्हें पद से हटाया जा रहा है। वहीं, नलवा विधायक रणधीर पनिहार ने इन आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया।

पांच सदस्यीय कमेटी का गठन

कुलदीप बिश्नोई ने बुडिया को हटाने के बाद एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता सुभाष देहड़ू करेंगे और मामले की जांच करेंगे। तब तक परसाराम बिश्नोई को महासभा का कार्यभार सौंपा गया है।

समाज में असंतोष और एकजुटता की अपील

बिश्नोई समाज के संत लालदास ने देवेंद्र बुडिया के साथ हुए दुर्व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए इस घटना के लिए कुलदीप बिश्नोई को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने समाज से एकजुट होकर सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है।