Panchkula News भाजपा ने हरियाणा में 90 सीटों में से 48 सीटें जीतकर तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है, हालांकि 42 सीटों पर हार से पार्टी ने आत्ममंथन शुरू किया है। हार के कारणों पर बनी एक रिपोर्ट में भितरघात, किसानों और जाटों की नाराजगी, टिकट वितरण में खामियाँ और संगठन की कमजोरियों को कारण बताया गया है।
हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट
भाजपा को 42 सीटों पर हार के कारणों की पहचान के लिए एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में चुनाव के बाद उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, और पुराने कार्यकर्ताओं से एक महीने तक फीडबैक लिया गया और हार के कारणों का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट अब शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी गई है, जिसमें प्रत्येक सीट पर हार की वजहें दर्ज की गई हैं।
भितरघात से नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, कई सीटों पर पार्टी को भितरघात का सामना करना पड़ा। कुछ सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अगर अन्य सीटों पर भी फोकस किया गया होता, तो परिणाम और बेहतर हो सकते थे।
किसानों और जाटों की नाराजगी बनी चुनौती
रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हुआ कि किसानों और जाटों की नाराजगी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती रही। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा जैसे जिलों में जाट और सिख मतदाता भाजपा के विरोध में मतदान करते दिखाई दिए। मेवात की तीनों सीटों पर भी नूंह दंगों का प्रभाव देखा गया, जिससे भाजपा को यहाँ नुकसान हुआ।
50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य
भाजपा ने हरियाणा में 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें से अब तक 12 लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं। सदस्यता अभियान के बाद संगठन में बदलाव की भी योजना है, जिसमें निष्क्रिय पदाधिकारियों को बदला जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष का जिलों का दौरा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली 13 से 21 नवंबर तक जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़कर सदस्यता अभियान को गति देने पर जोर रहेगा।