HARYANA VRITANT

Kaithal News कैथल जिला परिषद अध्यक्ष दीपक मलिक को हटाने का खेल भाजपा-जजपा गठबंधन टूटते ही शुरू हो गया था। जब गठबंधन था, तब भी वित्तीय शक्तियों को लेकर विवाद था, लेकिन गठबंधन टूटते ही अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने की लॉबिंग तेज हो गई। वोटिंग के बाद तीन महीने बाद परिणाम जारी किया गया।

कैथल जिला परिषद अध्यक्ष दीपक मलिक

गठबंधन टूटने के बाद आई चुनौती

जनवरी 2023 में गठबंधन के तहत जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। जजपा समर्थित दीपक मलिक अध्यक्ष बने, जबकि भाजपा के कर्मबीर कौल उपाध्यक्ष चुने गए थे। लेकिन गठबंधन टूटने के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए और अध्यक्ष पद पर भाजपा की नजरें टिक गईं।

अविश्वास प्रस्ताव और घोटालों की जांच की मांग

अध्यक्ष पद से हटने के बाद उपाध्यक्ष कर्मबीर कौल ने कहा कि दीपक मलिक के कार्यकाल में हुए घोटालों की एसीबी से जांच कराई जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष को हटाने का फैसला लिया गया, जिसका परिणाम 14 अक्टूबर को जारी हुआ।

चुनाव और गठबंधन के शुरुआती दौर

2022 के पंचायत चुनाव के बाद 2023 में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने गए थे। भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन के तहत दीपक मलिक को अध्यक्ष बनाया गया था। गठबंधन टूटने के बाद अब भाजपा अध्यक्ष पद पर काबिज होना चाहती है।

वोटिंग और परिणाम का घटनाक्रम

  • 19 जुलाई: 17 पार्षदों ने वोटिंग की, हाईकोर्ट ने परिणाम पर रोक लगाई।
  • 13 सितंबर: हाईकोर्ट ने परिणाम जारी करने का आदेश दिया।
  • 14 अक्तूबर: परिणाम जारी कर अविश्वास प्रस्ताव पास किया गया।