Haryana Election 2024 अंबाला सिटी विधानसभा सीट पर महिलाओं की सक्रियता धीरे-धीरे कम होती जा रही है। वर्ष 2009 में चरणजीत कौर के बाद कोई महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरी है। हालांकि, कुछ महिलाओं ने कवरिंग उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था, लेकिन मुख्य उम्मीदवारों के चयन के बाद उनके नामांकन रद्द कर दिए गए। यह स्थिति तब है जब अंबाला सिटी से पहले तीन बार महिलाएं विधायक रह चुकी हैं।
नारायणगढ़ और मुलाना में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति
अंबाला जिले की अन्य विधानसभा सीटों, जैसे नारायणगढ़ और मुलाना में, महिलाओं की चुनावी भागीदारी काफी बेहतर दिख रही है। नारायणगढ़ में सात में से तीन उम्मीदवार महिलाएं हैं, जबकि मुलाना में 10 उम्मीदवारों में से दो महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। यहां कांग्रेस और भाजपा ने महिला उम्मीदवारों को उतारा है, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
सिटी सीट पर महिलाओं का पुराना दबदबा
अंबाला सिटी सीट पर पहले महिलाओं का प्रभाव काफी मजबूत रहा है। 1968 और 1972 में लेखवती जैन कांग्रेस की ओर से विधायक बनी थीं। 2000 में भाजपा की वीना छिब्बर ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2009 में चरणजीत कौर ने चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सकीं। पिछले कुछ चुनावों से इस सीट पर महिला उम्मीदवारों की अनुपस्थिति ध्यान देने योग्य है।
सिटी सीट पर महिला आरक्षण की संभावना
एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, अगर भारतीय संविधान के 106वें संशोधन का अनुपालन किया जाता है, तो विधानसभा चुनावों में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। हरियाणा में 90 सीटों में से 30 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं, और अंबाला सिटी सीट भी इस दायरे में आ सकती है। इससे महिलाओं की भागीदारी में फिर से वृद्धि हो सकती है।