हरियाणा चुनाव 2024 में सोनीपत विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस के चिह्न पर मेयर बने निखिल मदान को मैदान में उतारकर कांग्रेस का किला ढहाने की रणनीति बनाई है, जबकि कांग्रेस इस दुर्ग को बचाने में जुटी है। इस बीच, निवर्तमान विधायक सुरेंद्र पंवार ईडी मामले में जेल में हैं लेकिन चुनाव की बागडोर उनके परिवार ने संभाली हुई है।
सोनीपत विधानसभा क्षेत्र, जिसे पंजाबी बहुल क्षेत्र माना जाता है, में इस बार पंजाबी वोटों का महत्व और बढ़ गया है। भाजपा ने इस वोट बैंक को साधने के लिए निखिल मदान पर दांव खेला है, जबकि कांग्रेस को सुरेंद्र पंवार की सहानुभूति लहर पर भरोसा है। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी, इनेलो-बसपा और अन्य दल भी मुकाबले में हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है।
विकास के मुद्दे भी सोनीपत के मतदाताओं के लिए अहम हैं। जलभराव, जाम की समस्या, और मेट्रो प्रोजेक्ट की मांग यहां के बड़े चुनावी मुद्दे बने हुए हैं। एनसीआर में शामिल होने के बावजूद, सोनीपत में मेट्रो की कमी को लेकर जनता में नाराजगी है, और विकास कार्यों में तेजी की दरकार है।
सोनीपत विधानसभा में 2.46 लाख मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 30% पंजाबी समुदाय के हैं। प्रत्याशियों को इस बार पंजाबी और जाट वोटों पर नजर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार सोनीपत का राजनीतिक किला किसके पक्ष में जाता है।