HARYANA VRITANT

किसान-मजदूर महापंचायत में पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से किसान पहुंचे। रोकने के लिए पुलिस ने रास्ते बंद किए।

किसान-मजदूर महापंचायत में पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से किसान पहुंचे।

हरियाणा के जींद के उचाना की अतिरिक्त अनाज मंडी में रविवार को किसान-मजदूर महापंचायत हुई। इसमें किसान संगठनों ने भाजपा की नीतियों को नकारा। पंचायत में सीधा-सीधा भाजपा का विरोध करने के बजाय कहा गया कि भाजपा को ट्रैक्टर-ट्रॉली से नहीं, बल्कि किसानों से समस्या है। इससे पहले किसान संगठनों को रोकने के लिए पुलिस ने कई रास्ते ब्लॉक कर दिए थे, फिर भी काफी संख्या में किसान पहुंचने में सफल रहे।

महापंचायत की अगुवाई किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अभिमन्यु कोहाड़ ने की। अभिमन्यु ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने जो वादे, घोषणा किए थे किसान आज उसी को मांग रहे हैं। आंदोलन में जान गंवाने वाले 750 किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए।

दातासिंहवाला बॉर्डर पर चली गोली की जांच की जाए और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि इसमें किसान शुभकरण की मौत हो गई थी। कोहाड़ ने कहा कि हम किसी राजनीति पार्टी को वोट देने की अपील नहीं करते हैं, लेकिन हम जरूर कहेंगे कि जिस दिन वोट डालने जाएं, किसानों और मजदूरों पर पिछले 10 साल में हुई ज्यादतियों को जरूर याद रखें।

किसी का विरोध न समर्थन

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसानों को मजबूत करने के लिए ऐसी महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर को ऐसी ही महापंचायत हुई थी। 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र के पिपली में होगी। पंचायत में किसानों ने न किसी पार्टी का समर्थन किया है और न ही किसी का विरोध। किसान को अपने हक की रक्षा के लिए वोट करने के लिए कहा गया है।

किसानों को महापंचायत में जाने से राेकने के लिए 20 घंटे बंद रखा हाईवे

पंजाब से आने वाले किसानों को जींद जिले के उचाना में आयोजित किसान महापंचायत में जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने कैथल-पटियाला स्टेट हाईवे पर टटियाना गांव स्थित घग्गर नदी के पुल के ऊपर शनिवार शाम छह बजे बड़े अवरोधक लगाकर बंद कर दिया गया था। जिससे इस मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई।

पुल के बंद होने से वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी हुई। इस दौरान वाहन चालक अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्तों से गुजरते देखे गए। रविवार को करीब 2 बजकर 30 मिनट पर अवरोधक हटाए गए। करीब 20 घंटे तक यह मार्ग बंद रहा। हालांकि जीटी बेल्ट के अन्य जिलों में इस तरह का कोई नाका नहीं लगाया गया