हरियाणा विधानसभा चुनाव की टिकटों के वितरण के बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में असंतोष और इस्तीफों का सिलसिला बढ़ गया है। पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल और हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने भाजपा के टिकट वितरण से नाराज होकर बगावती रुख अपनाया है। सावित्री जिंदल ने टिकट न मिलने के बाद स्पष्ट किया है कि वह चुनाव लड़ेंगी, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
वहीं, रणजीत चौटाला ने भी भाजपा के खिलाफ बगावती सुर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। 8 सितंबर को वह रानियां में शक्ति प्रदर्शन करेंगे और भाजपा द्वारा डबवाली से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं। रणजीत सिंह ने भी अपने अगले कदम पर चर्चा की है और भाजपा के दिल्ली स्थित नेताओं से लगातार संपर्क में रहने की बात कही है।
भाजपा के टिकट वितरण से असंतोष की लहर कई अन्य नेताओं तक पहुंच चुकी है। रतिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ दी है, जबकि दीपक हुड्डा को टिकट दिए जाने पर रोहतक कार्यकारिणी ने सामूहिक इस्तीफा दिया है। सुनीता दुग्गल को टिकट मिलने के विरोध में रतिया के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रकट किया था।
इसके अतिरिक्त, फतेहाबाद और महम क्षेत्र में भी भाजपा के भीतर असंतोष बढ़ गया है। महम ब्लॉक समिति चेयरमैन नवनीत राठी और कई अन्य कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। शमशेर सिंह खरकड़ा ने महम विधानसभा क्षेत्र में अपने समर्थकों के साथ बैठक बुलाई है, जबकि तोशाम से श्रुति चौधरी को टिकट दिए जाने से नाराज भाजपा नेता शशि रंजन परमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है।