HARYANA VRITANT

हरियाणा के करनाल जिले में 2011 में हुए सरपंच कर्म सिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट के फैसले को पीड़ित परिवार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार द्वारा 24 अगस्त को परिवार से सुरक्षा वापस लिए जाने का विरोध करते हुए आरोपितों से जान का खतरा बताया है। मृतक के बेटे और पत्नी ने तुरंत सुरक्षा वापसी और इंसाफ नहीं मिलने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

सांकेतिक तस्वीर

वर्ष 2011 में करनाल जिले के गांव कंबोपुरा के तत्कालीन सरपंच कर्म सिंह की हत्या के मामले में सीबीआइ कोर्ट द्वारा आरोपितों को बरी करने के फैसले को पीड़ित परिवार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

साथ ही सरकार द्वारा 24 अगस्त को परिवार से सुरक्षा वापस लिए जाने का विरोध करते हुए आरोपितों से खुद को जान का खतरा बताया है। मृतक के बेटे और पत्नी ने तुरंत प्रभाव से सुरक्षा वापस दिलाने और इंसाफ नहीं मिलने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

मृतक कर्म सिंह के बेटे राजिंदर और पत्नी राजबाला तथा हाई कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट राजेश मलिक ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में गंभीर आरोप लगाए। राजिंदर ने कहा कि हत्याकांड में तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा और परिवहन मंत्री ओपी जैन को मुख्य आरोपित बनाया गया था। सीबीआइ कोर्ट में कई वर्षों तक चली सुनवाई के बाद विगत जनवरी में जिले राम शर्मा को आरोप मुक्त करार दे दिया गया, जबकि ओपी जैन का स्वर्गवास हो चुका है। सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में पांच सितंबर को सुनवाई होगी।

मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि आरोपित पक्ष के लोगों द्वारा उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। पुलिस सुरक्षा को हटाने के कारण परिवार के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। परिवार को दोबारा सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक तथा मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह जिले राम शर्मा के आवास के बाहर आत्मदाह कर लेंगे।