करनाल जिला नागरिक अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए मरीजों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के बीच जमीन की कीमत को लेकर असहमति जारी है। इस विवाद के कारण करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले नए अस्पताल भवन का निर्माण कार्य रुक गया है।
करीब एक माह पहले HSVP ने अपने पंचकूला कार्यालय से जमीन की कीमत तय करने के लिए एक पत्र भेजा था, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग को जमीन की कीमत की जानकारी नहीं दी गई है। वर्तमान में नागरिक अस्पताल, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के पुराने भवन में संचालित हो रहा है, और जिला सिविल सर्जन का कार्यालय भी किराए के भवन में चल रहा है। इस स्थिति के चलते मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है। नया भवन न बनने की वजह से पुराने अस्पताल में न तो मॉड्यूलर ओटी की सुविधा है, और न ही कैथ लैब शुरू हो पाई है, जिसके चलते मरीजों को बड़े ऑपरेशनों के लिए निजी अस्पतालों या अन्य जिलों का रुख करना पड़ता है।
अस्पताल भवन की परियोजना वर्ष 2021 से फाइलों में अटकी हुई
नए अस्पताल भवन की परियोजना वर्ष 2021 से फाइलों में अटकी हुई है। इस भवन की घोषणा 2017 में की गई थी, और 2021 में फाइलों का आदान-प्रदान शुरू हुआ। 23 नवंबर 2021 को सेक्टर-32 में 13 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी, जिसकी कीमत 84 करोड़ 17 लाख 45 हजार 600 रुपये थी। लेकिन हाई वोल्टेज बिजली लाइन की समस्या के कारण निर्माण कार्य रुक गया, और 16 नवंबर 2022 को नई जगह के रूप में 10 एकड़ भूमि का चयन किया गया। हालांकि, अभी तक जमीन की कीमत तय न हो पाने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
भवन का डिजाइन तीन अलग-अलग ब्लॉक्स में तैयार
इस नए नागरिक अस्पताल में 200 बेड की क्षमता होगी, जिसे बाद में 300 बेड तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें इंडोर और आउटडोर रोगियों के लिए सभी मल्टी स्पेशलाइज्ड सुविधाएं, जैसे एमरजेंसी ब्लॉक, ओपीडी ब्लॉक, मातृत्व और शिशु वार्ड, सेंट्रल लैब, एक्स-रे रूम, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, ब्लड बैंक, आईसीयू, और कैथ लैब जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, पार्किंग, पंप रूम, फिजियोथेरेपी, एसी प्लांट और फार्मासिस्ट स्टोर भी भवन के डिजाइन का हिस्सा होंगे। भवन का डिजाइन तीन अलग-अलग ब्लॉक्स में तैयार किया गया है।
फिलहाल, भवन की फाइल HSVP ने पंचकूला मुख्यालय में भेज दी है, जहां प्रक्रिया चल रही है। आचार संहिता लागू होने के कारण चुनाव समाप्त होने के बाद ही जमीन की कीमत की जानकारी दी जा सकेगी।