HARYANA VRITANT

सिरसा जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने हत्या के एक मामले में दो दोषियों को शस्त्र अधिनियम के तहत चार साल की कैद और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उन्हें छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 8 अगस्त को दोनों आरोपियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था, लेकिन शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया। यह मामला थाना कालांवाली पुलिस द्वारा अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था।

सांकेतिक तस्वीर

घटना का विवरण

मामला पंजाब के जिला मानसा के गांव बैमण कोर सिंह वाला निवासी मनजिंद्र सिंह और सिरसा के गांव सिंघपुरा निवासी गुरजीत सिंह के बीच झगड़े से जुड़ा है। झगड़े के चार दिन बाद, मनजिंद्र सिंह और अन्य लोग एक गाड़ी में सवार होकर गुरजीत सिंह के घर पहुंचे, जहां गुरजीत सिंह दीवार कूदकर भाग गया। आरोपियों ने गालियां देते हुए पिस्तौल दिखाकर धमकाया और वहां से चले गए।

बाद में, 13 अगस्त 2016 को गुरजीत सिंह की हत्या का मामला सामने आया, जब उसके पिता जंटा सिंह को सूचना मिली कि कालांवाली-दादू रोड के बीच उनके बेटे को गोली मार दी गई है। पुलिस ने जंटा सिंह के बयान पर मनजिंद्र सिंह और जगसीर सिंह के खिलाफ हत्या और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।

अदालत का निर्णय

मंगलवार को, न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने मनजिंद्र सिंह और जगसीर सिंह को शस्त्र अधिनियम के तहत चार साल की कैद की सजा सुनाई। हत्या के आरोप से दोनों को पहले ही बरी कर दिया गया था, लेकिन शस्त्र अधिनियम में दोषी करार दिया गया।