HARYANA VRITANT

रिटायर्ड बीईओ अख्तर अली ने भी तटबंध बनाए जाने के दौरान ही नदी में अवैध कब्जों को बचाने का आरोप लगाया था। उन्होंने तब कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह तटबंध कस्बे की सुरक्षा की बजाय अवैध कब्जों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है।

तटबंध से राहत की जगह आफत

सिंचाई विभाग की मनमानी ने बढ़ाई मुसीबत

यमुनानगर के साढौरा में सिंचाई विभाग द्वारा नकटी नदी पर बनाया गया तटबंध कस्बे के निवासियों के लिए राहत की बजाय मुसीबत बन गया है। आरोप है कि नगरपालिका और कस्बे के लोगों के विरोध के बावजूद, सिंचाई विभाग ने अपनी मर्जी से तटबंध का निर्माण किया। इस तटबंध के कारण नदी के प्रवाह क्षेत्र का दायरा सिकुड़ गया, जिससे पानी कई मोहल्लों तक पहुंचकर वहां रहने वालों के लिए समस्या का कारण बन गया।

कस्बे के कुछ हिस्से नदी के प्रवाह क्षेत्र से नीचे होने के कारण, बरसात के दौरान नदी का पानी इन इलाकों की ओर बढ़ जाता है, जिससे जलभराव होता है और लोगों को कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधान के लिए, नगरपालिका ने नदी की खोदाई करवाने का सुझाव दिया था, लेकिन सिंचाई विभाग ने इस पर ध्यान न देते हुए मई के प्रारंभ में तटबंध बनाना शुरू कर दिया।

चेयरपर्सन शालिनी शर्मा और सभी पार्षदों ने इस मुद्दे को डीसी और एसडीएम के सामने रखा, लेकिन इसके बावजूद सिंचाई विभाग ने तटबंध का निर्माण जारी रखा, जिससे नदी का प्रवाह क्षेत्र और कम हो गया। इसका परिणाम यह हुआ कि नदी के उफान से कस्बे में जलभराव की समस्या पैदा हो गई।

बाढ़ के कारण हुई तबाही

छछरौली क्षेत्र में रविवार को पथराला नदी में आई बाढ़ से हुई तबाही का दृश्य सोमवार को लोगों को देखने को मिला। बाढ़ के पानी ने सड़कें और फसलें बर्बाद कर दी हैं। सोम और पथराला नदियों में आई बाढ़ से खंड छछरौली में लगभग 500 एकड़ फसल नष्ट हो चुकी है।

सोम नदी की पटरी टूटने से खानूवाला गांव को सबसे अधिक नुकसान हुआ। बाढ़ का पानी चार से पांच फीट तक लोगों के घरों में घुस गया, जिससे कच्चे मकान की दीवारें ढह गईं और गलियों में रेत जमा हो गई। ग्रामीण अभी भी बाढ़ के कारण हुए नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन

सोम नदी की पटरी तोड़ने से बाढ़ का पानी लोप्पो और तिहाणों गांवों की ओर मुड़ने के कारण नाराज ग्रामीणों ने लेदी-बिलासपुर मार्ग पर तीन घंटे तक जाम लगाए रखा। ग्रामीणों का आरोप है कि पटरी तोड़ने वाले शरारती तत्वों ने अपने स्वार्थ के लिए कई गांवों को बाढ़ के खतरे में डाल दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाए और टूटे हुए हिस्से की मरम्मत की जाए। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पटरी की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम खोला।