HARYANA VRITANT

अनुयायी आत्मा राम ने कहा कि बाबा को 10 दिन पहले ही मार दिया गया था और उनकी प्लानिंग थी कि कैसे बाबा को ठिकाने लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सारे षड्यंत्र का खुलासा कर श्रद्धालुओं को न्याय दिया जाए। उन्होंने कहा कि विरेंद्र ने पुराने ट्रस्टी को निकालकर अपने रिश्तेदारों को ट्रस्टी बना दिया है।

आगे आए विरेंद्र सिंह ढिल्लों को षडयंत्रकारी बताते हुए हत्या की आशंका जताई है।

डेरा जगमालवाली के संत बहादुर चंद (वकील साहिब) के निधन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। डेरा अनुयायियों ने उनके निधन को षडयंत्र बताया हैं और डेरे की गद्दी केे लिए आगे आए विरेंद्र सिंह ढिल्लों को षडयंत्रकारी बताते हुए हत्या की आशंका जताई है और सीबीआई जांच की मांग की है। जांच की मांग को लेकर मंगलवार सुबह काफी संख्या में डेरा श्रद्धालु मिनी बाईपास स्थित डेरा में इकट्ठे हुए और इसके बाद लघु सचिवालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एसपी को शिकायत पत्र सौंपकर जीरो एफआईआर दर्जकर डबवाली थाने भेजने की मांग की।

उन्होंने बताया कि देशभर में जहां-जहां डेरा के समर्थक हैं, वहां-वहां इसी तरह सभी अपने क्षेत्र के एसपी से मिल रहे हैं। डेरा श्रद्धालु जसदेव सिंह ने कहा कि विरेंद्र सिंह ढिल्लों 1994 में जींद से आया था। उन्होंने कहा कि पहले जब वकील साहिब बीमार हुए थे, तब एम्स ने रिपोर्ट दी थी कि महाराज 15-20 साल और जीवित रहेेंगे, तब ऑपरेशन के लिए अस्थायी वसीयत करवाई गई थी, लेकिन रजिस्टर्ड नहीं करवाई गई। प्रॉपर्टी करीब 12 हजार करोड़ रुपये की है। उन्होंने आरोप लगाया कि तब ढिल्लों ने गद्दी मांगी थी। उन्हें जबरन गद्दी छोड़ने को मजबूर किया गया। अंतिम सत्संग में महाराज ने कहा कि जल्द ही पोल खुलेगी। उन्होंने कहा कि यह निधन नहीं हत्या है और षड्यंत्र के पीछे विरेंद्र सिंह ढिल्लों व कुछ अन्य लोग शामिल हैं।

गलत आदमी को नहीं बैठने देंगे

श्रद्धालु आत्माराम व संतलाल ने कहा कि ढिल्लों का आचरण ठीक नहीं, इसलिए गद्दी अब किसी को नहीं मिलनी चाहिए, वे महाराज की जूती को पूजकर काम चला लेंगे। उनकी पवित्र गद्दी पर ढिल्लों जैसे को नहीं बैठने देंगे। उन्होंने मामले में सीबीआई जांच करने की मांग की।

10 दिन पहले हो गई थी मौत

अनुयायी आत्मा राम ने कहा कि बाबा को 10 दिन पहले ही मार दिया गया था और उनकी प्लानिंग थी कि कैसे बाबा को ठिकाने लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सारे षड्यंत्र का खुलासा कर श्रद्धालुओं को न्याय दिया जाए। उन्होंने कहा कि विरेंद्र ने पुराने ट्रस्टी को निकालकर अपने रिश्तेदारों को ट्रस्टी बना दिया है। ये ट्रस्टी भी मिले हुए हैं। 8 तारीख को डेरा में बाबा का भोग रखा गया है, तब लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होंगे और तब आगे गद्दी का क्या होगा, उसको लेकर निर्णय लिया जाएगा।