HARYANA VRITANT

करनाल। शिवरात्रि पर्व पर आसमान पर काले मेघा आए तो जरूर लेकिन दगा दे गए। बिन बरसे आगे निकल गए। इससे अधिकतम तापमान में एक तो न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो गया। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि आगामी नौ अगस्त तक मौसम तो परिवर्तनशील रह सकता है। बीच बीच में कहीं-कहीं बारिश संभावित है।

सांकेतिक तस्वीर

पिछले सात सालों में सावन माह की सहभागिता वाले जुलाई महीने में सबसे कम 97.1 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जिसका प्रभाव धान की फसल पर पड़ा है। किसानों को धान की फसल बचाने में काफी दिक्कत आई है।

एक बार फिर मानसून कमजोर

जुलाई के अंतिम दिन झमाझम बारिश से काफी हद तक राहत मिली। इसके बाद से एक बार फिर मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। एक व दो जुलाई को चिलचिलाती धूप ने लोगों को परेशान किया। हालांकि शुक्रवार को दोपहर को एक बार काले बादल आए। हवा में भी ठंडक भीम महसूस हुई। लोगों को लगा कि तेज बारिश आने वाली है लेकिन काले मेघा कुछ ही देर दगा देकर चले गए। बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी। इसके बाद फिर उमस की स्थिति उत्पन्न हो गई। सीएसएसआरआई की जिला मौसम वेधशाला में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.5 व न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.मदन खीचड़

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून ट्रफ की अक्षय रेखा सामान्य स्थिति में उत्तर की तरफ बने रहने से तीन अगस्त को राज्य में कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। चार से छह अगस्त के बीच भी कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन

पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसूनी सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके प्रभाव से छह से नौ अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।