अंबाला। सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को दरवाजे पर ही दवा मिलेंगी। ये सुविधा 80 साल से अधिक के सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों के लिए शुरू की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर रेलवे ने यह सुविधा दिल्ली मंडल में शुरू की है।
सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को जरूरी
इस सुविधा के तहत सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को जरूरी दवाएं उनके घर के दरवाजे पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका फायदा कूरियर से मिलेगा। इसके लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कूरियर के किराये का भुगतान करना होगा। दिल्ली मंडल में सफल होने के बाद इस योजना को उत्तर रेलवे के अन्य मंडलों अंबाला, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद में भी शुरु किया जाएगा।
दरअसल सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियों की तरफ से लगातार रेलवे को शिकायत दी जा रही थी कि उम्र के इस पड़ाव में वो दूर-दराज स्थित रेलवे अस्पतालों में चक्कर नहीं काट सकते क्योंकि जब भी दवाएं लेने जाओ तो पहले उन्हें घंटों लाइन में लगकर पर्ची बनवाने का इंतजार करना पड़ता है और फिर डाक्टरों को जांच के बाद दवा लेने का।
रेलवे ने यह फैसला किया
कई बार तो अस्पताल में जरूरी दवा नहीं होती तो उन्हें महंगे दामों पर बाहर से खरीदनी पड़ती है। इससे उनकी परेशानी काफी बढ़ जाती है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की इस पीड़ा को देखते हुए रेलवे ने यह फैसला किया है। इस संबंध में रेलवे ने दो जुलाई को लिखित आदेश जारी करके तुरंत प्रभाव से व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि रेलवे कर्मचारियों के लिए पहले ही मेडिकल के कार्ड बनाए गए हैं जोकि देश के सभी प्रमुख अस्पतालों में मान्य हैं। यहां कर्मचारी अपना उपचार करवा सकते हैं। इसी कड़ी में यह सुविधा सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी सौगात है।
दिल्ली मंडल के अस्पतालों में यह सुविधा शुरु
80 साल से अधिक सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों के लिए उत्तर रेलवे के अधीन दिल्ली मंडल के अस्पतालों में यह सुविधा शुरु की गई है। अब कर्मचारी कोरियर के माध्यम से घर के दरवाजे तक दवा मंगा सकेंगे। इसके लिए उन्हें निर्धारित शुल्क का भुगतान भी करना होगा। दिल्ली मंडल में सफलता के बाद इस योजना को अंबाला सहित अन्य मंडलों में भी शुरु किया जा सकता है।