HARYANA VRITANT

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भले ही अंबाला के निकट शंभू बार्डर को खोलने का आदेश दिया है लेकिन हरियाणा सरकार के लिए आदेश का अनुपालन आसान नहीं है। हरियाणा सरकार को डर है कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता साफ कर दिया गया तो पंजाब के किसान फिर दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं। बेरिकेड हटाने के हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी है।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भले ही अंबाला के निकट शंभू बार्डर को खोलने का आदेश दिया है, लेकिन हरियाणा सरकार के लिए आदेश का अनुपालन आसान नहीं है। हरियाणा सरकार को डर है कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता साफ कर दिया गया तो पंजाब के किसान फिर दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं।

सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि बैरिकेड हटाते ही आंदोलनकारी किसान अपने निजी वाहनों के बजाय ट्रैक्टर-ट्रालियों से ही दिल्ली की तरफ कूच करने की जिद करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो हरियाणा सरकार के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा और शंभू बार्डर पर दोबारा फिर बैरिकेड लगाने पड़ सकते हैं।

हरियाणा में वैसे भी अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव हैं। इस दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सरकार तमाम तरह के विकल्पों पर विचार-विमर्श कर रही है। सरकार के पास दो प्रमुख विकल्प हैं।

पंजाब सरकार को आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता करनी होगी

पहला यह कि पंजाब सरकार से बातचीत की जाए और आंदोलनकारी किसानों को इस बात के लिए राजी किया जाए कि वे दिल्ली की तरफ कूच ना करें। यदि किसान दिल्ली जाना ही चाहते हैं तो वे बसों, कारों अथवा रेलगाड़ी से प्रस्थान करें। इसके लिए पंजाब सरकार को आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता करनी होगी। उन्हें इसके लिए मनाना होगा कि वे जत्थों की बजाय प्रतिनिधिमंडल के रूप में केंद्र सरकार के पास वार्ता के लिए जाएं, जिसे मानना आसान नजर नहीं आ रहा है।

हरियाणा सरकार के सामने ये है विकल्प

हरियाणा सरकार के पास दूसरा विकल्प यह है कि वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। इसके लिए सरकार एडवोकेट जनरल की भी राय ले रही है। सुप्रीम कोर्ट में जाकर दलील दे सकती है कि कानून व्यवस्था की स्थिति चूंकि किसी भी स्टेट का मामला होता है तो ऐसे में बैरिकेड हटाने या नहीं हटाने का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ा जाना चाहिए।

सरकार यह भी दलील देगी कि यदि बैरिकेड हटाकर रास्ता खोल दिया गया और किसानों ने दिल्ली में जाने की जिद नहीं छोड़ी तो हटाए गए बैरिकेड फिर लगाने पड़ेंगे। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति फिर खराब होगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस बारे में पुलिस व सुरक्षा अधिकारियों को पंजाब के अधिकारियों से वार्ता कर पूरी स्थिति समझने व समझाने को कहा है। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन की राय भी ली जा रही है।

शंभू बार्डर को लेकर नई रणनीति बनाने में जुटे किसान संगठन

शंभू बार्डर पर महीनों से धरने पर बैठे किसान हाई कोर्ट के आदेश के बाद नई रणनीति बनाने में जुटे हैं। किसान संगठनों ने 13 जुलाई को संयुक्त बैठक कर कोई फैसला लेने की बात कही है, लेकिन माना जा रहा है कि वे शंभू बार्डर खुलने के बाद दिल्ली की ओर शांतिपूर्वक कूच करेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वह शुक्रवार को खनौरी (संगरूर) में बैठक करेंगे।

सड़क पर लगाए गए टेंट हटाने की अपील की

उन्होंने कहा कि एसआइटी 17 जुलाई को खनौरी का दौरा करेगी। ऐसे में शुभकरण को गोली लगने की घटना का कोई वीडियो अगर किसी के पास है तो वह उन्हें उपलब्ध कराए ताकि एसआइटी को यह सौंपा जाए। उन्होंने एक ऑडियो संदेश जारी कर किसानों को सड़क पर लगाए गए टेंट हटाने की अपील की है। इस बीच, शुभकरण की बहन गुरप्रीत कौर ने गुरुवार को पंजाब पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी ज्वाइन कर ली। उसे पुलिस लाइन में तैनात किया गया है, ताकि उसकी पुलिस ट्रेनिंग पूरी की जा सके।