करनाल। अमुपुर गांव में देश के विभाजन के बाद पश्चिमी पंजाब से हरियाणा में बसे चार सिख परिवारों के घर तोड़े गए हैं। इस कार्रवाई पर संज्ञान लेते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को गांव पहुंचा और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनके साथ खड़े रहने का संकल्प लिया।
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना, जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल, बलदेव सिंग कैमपुर और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवा शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से स्थिति की जानकारी ली। आश्वासन दिया कि सिख संगठन उनके साथ है और इस कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। कमेटी ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को एक-एक लाख रुपये की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और सरकार की निंदा भी की।
हरभजन सिंह मसाना और गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा रोष है। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। पीड़ित सिख परिवारों मे से बूटा सिंह ने बताया की कि वे चार भाई हैं और उनका परिवार देश के विभाजन के बाद पंजाब से आकर पिछले 70 वर्षों से अमुपुर गांव में बसा है, लेकिन 26 जून को अचानक सरकारी अधिकारियों ने उनके खिलाफ पुलिस बल के सहयोग से चार परिवारों के मकान ढहा दिए।