एएसआई संजीव दो जून को खाना खाकर रात को करीब आठ बजे सैर करने के लिए घर से निकला था। जब वह सड़क पर सैर कर रहा था तो बाइक पर सवार दो व्यक्ति आए और उन्होंने एएसआई पर गोलियां चला दी थी।
स्टेट क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई संजीव की हत्या की गुत्थी को एसटीएफ ने सुलझा लिया है। एएसआई के जीजा ने ही शूटरों को रुपये देकर अपने साले की हत्या कराई थी। अलीगढ़ (उप्र) से तीन शूटरों को गिरफ्तार कर पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विदेश में बैठकर आरोपी जीजा ने इस वारदात को अंजाम दिया है।
इस हत्या के पीछे रुपये का लेन देन है या कुछ और, इसका खुलासा पुलिस शनिवार को कर सकती है। गिरफ्तार शूटरों को शनिवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। इससे पहले शूटरों का मेडिकल कराने के लिए करनाल लाते समय एक शूटर ने भागने की कोशिश की तो एसटीएफ को उसके पैर में गोली मारनी पड़ी, जिससे वह घायल हो गया। उसे नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
विदित हो कि गांव कुटेल निवासी एएसआई संजीव दो जून को खाना खाकर रात को करीब आठ बजे सैर करने के लिए घर से निकला था। एएसआई का घर गांव से कुछ दूरी पर डेरे पर है। जब वह सड़क पर सैर कर रहा था तो बाइक पर सवार दो व्यक्ति आए और उन्होंने एएसआई पर गोलियां चला दी, जिसमें एक गोली एएसआई के सिर व दूसरी गोली कमर पर लगी। इसके बाद शूटर मौके से फरार हो गए। गोलियों की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
आनन-फानन एएसआई को घायल अवस्था में शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। एएसआई संजीव के पिता व भाई की पहले ही मौत को चुकी थी। ऐसे में एएसआई ही अपने व भाई के बच्चों को पालन पोषण कर रहा था। उसका बेटा कनाडा में रहता है। उसने ही वीरवार को कनाडा से आकर अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था।
पुलिस वारदात के बाद से ही कई संभावनाओं पर कार्य कर रही थी। जिन लोगों को एएसआई संजीव ने गिरफ्तार किया था या फिर जिन मामलों की जांच कर रहा था, उनसे संबंधित अपराधियों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा था, लेकिन इसी बीच पुलिस को एक ऐसा सुराग मिला, जिससे पुलिस के शक की सूई उसके रिश्तेदार की तरफ घूमी। जब जांच शुरू हुई वारदात की परतें खुलती रहीं और दो आरोपियों को काबू करने में सफलता हाथ लगी। अलीगढ़ निवासी दो शूटर मोहित व तुषार व उनके एक साथी हिरेंद्र, जिसने शूटरों की मृतक के जीजा से डील कराई थी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीनों को गिरफ्तार कर जब उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल लाया जा रहा था तो शूटर मोहित ने करनाल में साई मंदिर के पास पुलिस पकड़ से भागने की कोशिश की। उसे पकड़ने के लिए उसके पैरों पर गोली मारी गई।
हिंदू धर्म रक्षादल का कथित राष्ट्रीय अध्यक्ष है एक आरोपी
एएसआई की हत्या में करनाल पुलिस को एक सीसीटीवी हाथ लगा था, जिसमें एक युवक हेलमेट पहने है और दूसरा मुंह पर कपड़ा बांधे है। दोनों बाइक पर सवार हैं। जब सीसीटीवी की जांच की दिशा में पुलिस आगे बढ़ी तो अलीगढ़ पहुंची। यहां स्थानीय अधिकारियों से मदद मांगी। यहां पुलिस ने होली चौक क्वार्सी में रहने वाले बाइक मैकेनिक के बेटे मोहित व चौकीदार के बेटे तुषार को गिरफ्तार कर लिया। पहले तो दोनों पुलिस को बरगलाने लगे। बाद में सख्ती से पूछताछ पर सच उगल दिया। दोनों ने बताया कि उन्हें यह काम सांगवान सिटी में रहने वाले कासिमपुर गोपालपुर जवां निवासी हिंदू धर्म रक्षादल के कथित राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय शर्मा उर्फ फतेंद्र ने सौंपा था। इस पर पुलिस ने अभय को गिरफ्तार किया। इसके बाद शुक्रवार दोपहर तीनों को पुलिस साथ ले गई।
आरोपी के सोशल मीडिया अकाउंट पर कनाडा से जीजा ने साधा था संपर्क
तीनों से जब क्रमवार पूछताछ हुई तो बताया कि अभय शर्मा के सोशल मीडिया एकाउंट पर उसका मोबाइल नंबर पड़ा है। उसी नंबर पर एएसआई के कनाडा निवासी रिश्तेदार ने उसे फोन किया और कहा कि तुम हिंदू समाज के लिए अच्छा काम कर रहे हो। बात करते हुए उससे दोस्ती कर ली और बताया कि एएसआई समाज के खिलाफ काम कर रहा है। उसे मारने के दो लाख रुपये मिलेंगे। इस पर अभय तैयार हो गया और उसने अपने संगठन से जुड़े इन दोनों युवकों को भी इसी तरह बरगलाया। कहा कि यह समाज के खिलाफ काम करता है। इसकी हत्या पर तुम्हारा नाम होगा। बस फिर क्या था। ये दोनों युवक अलीगढ़ से निकल पड़े। उन्हें चार दिन की रेकी के बाद हत्या का मौका मिला और वारदात को अंजाम दिया।
प्रतिक्रिया
एएसआई की हत्या करने वाले दो शूटरों व उनके साथी को काबू कर लिया गया है। इस हत्या के पीछे एएसआई के जीजा का नाम सामने आया है। इस बारे में अभी जांच की जा रही है। आखिर हत्या क्यों करवाई गई है। इसका खुलासा शनिवार को गिरफ्तार शूटरों को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के बाद हो सकेगा।