अंबाला सिटी। अंबाला में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों में बार-बार अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं, लेकिन जिला स्तरीय कमेटी इन केंद्रों को नोटिस जारी करने तक ही सिमट गई है। यही वजह है कि इन केंद्रों में कमियां दूर नहीं हो रही। इनमें से कुछ केंद्र ऐसे भी हैं जिन्हें दो-दो बार आगाह किया जा चुका है।
वर्तमान में हालात ये हैं कि जिले के सभी 16 पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों को अनियमितताओं के चलते नोटिस जारी हो चुके हैं। जिला स्तरीय टीम नोटिस जारी करती है और रिपोर्ट बनाती है पर आगे कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती। कई केंद्रों को तो दो बार नोटिस जारी हो चुके हैं। नतीजतन हजारों रुपये देकर भी मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल रहा। इधर, शहर के नागरिक अस्पताल में बनने वाले नशा मुक्ति केंद्र की नींव रखने के लिए भी जगह पक्की नहीं हुई। ऐसे में मरीजों को निजी केंद्रों के सहारे ही चलना पड़ रहा है। ये केंद्र भी पुख्ता काम नहीं कर पा रहे।
जून माह में ही तीन केंद्रों को मिल चुके नोटिस
अंबाला जिले में जिला स्तरीय कमेटी की ओर से जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर तीन नशा मुक्ति केंद्रों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें साहा के उम्मीद, बीहटा के दशमेश और रसूलपुर के संजीवनी नशा मुक्ति केंद्र शामिल हैं। संजीवनी को तो दूसरी बार नोटिस जारी हुआ है। कमेटी इन्हें नोटिस जारी करने के बाद मौन हो गई है। कमेटी ने अभी तक केंद्रों पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।
सरकारी नशा मुक्ति केंद्र पर नहीं हुआ काम शुरू
दूसरी तरफ अंबाला सिटी के नागरिक अस्पताल में एम्स की ओर से सरकारी नशा मुक्ति केंद्र बनाया जाना प्रस्तावित है। यह केंद्र 10 बेड का होता और यहां पर मरीजों का उपचार किया जाता। मगर आलम यह है कि अभी तक कागजी कार्रवाई में ही यह केंद्र फंसा है। अब बताया जा रहा है कि केंद्र के लिए बैंक खाता एम्स की टीम की तरफ से मांगा गया था। वह स्वास्थ्य विभाग भेज चुका है मगर फाइल कहां तक पहुंची है। इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अधिकारी दावे कर रहे हैं कि जल्द ही निर्माण करा दिया जाएगा।
एम्स की ओर से सिटी नागरिक अस्पताल में बनाए जाने वाले नशा मुक्ति केंद्र के लिए विभाग से नया खाता नंबर बनाने की मांग थी। इसे बनाकर भेज दिया गया है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। हालांकि विभाग ने अस्पताल में जगह का भी चुनाव नहीं किया है। इससे पहले यह केंद्र एनसीडी सेल में ही बनने वाला था।