Ambala News भारतीय रेलवे ने 50,000 से अधिक रेल कोचों में छह-छह सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। इससे ट्रेनों में होने वाले अपराधों पर नजर रखना और अपराधियों को पकड़ना आसान होगा। कैमरों की रिकॉर्डिंग 15 दिनों तक सुरक्षित रखी जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे।
वंदे भारत के बाद अब इन ट्रेनों में भी CCTV
वंदे भारत जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में पहले से कैमरे लगे हुए हैं। अब शताब्दी, राजधानी, दूरंतो, सुपरफास्ट एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में भी कैमरे लगाए जाएंगे। रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
गार्ड और लोको पायलट के केबिन भी रहेंगे सुरक्षित
कैमरे सिर्फ कोच में नहीं, बल्कि रेल गार्ड और लोको पायलट के केबिन में भी लगाए जाएंगे। इससे न केवल ट्रेनों के भीतर, बल्कि रेल पटरियों की निगरानी भी की जा सकेगी। ईएमयू और डीएमयू ट्रेनों में भी ये कैमरे लगाने की योजना है।
स्टेशनों की सुरक्षा से भी होगी तुलना
रेलवे स्टेशनों पर पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन कई छोटे स्टेशन अब भी इससे वंचित हैं। ट्रेनों में कैमरे लगाने से अपराधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी, क्योंकि वारदात के बाद अपराधी अक्सर बीच रास्ते उतर जाते हैं।
यात्रियों की सुरक्षा में सुधार की पहल
ट्रेनों में होने वाले अपराधों की जांच में अक्सर राज्यों की जीआरपी फाइलें एक-दूसरे को सौंपने में देरी करती हैं। अब कैमरों से जुटाए गए सबूतों के आधार पर कार्रवाई तेज की जा सकेगी।
टेंडर प्रक्रिया और शर्तें
रेलवे ने सीसीटीवी इंस्टालेशन के लिए कंपनियों से बिड मांगी है। टेंडर प्रक्रिया में वही कंपनी हिस्सा ले सकेगी, जिसका टर्नओवर पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 1200 करोड़ रुपये रहा हो। कंपनियों को 60 करोड़ या 30-30 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का अनुभव भी जरूरी है।