ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के खिलाफ सरपंचों का गुस्सा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। सरपंचों ने लामबंद होकर अपने विरोध को तेज करने का फैसला लिया है। कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में बैठक कर सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने विरोध प्रदर्शन की आगामी रणनीति बनाई। इस दौरान यह फैसला लिया गया कि वे आगामी एक मार्च को पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। सरपंचों ने सीएम आवास पर ही पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया है। इसी के साथ प्रदेश में गांवों में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की जनसभाएं नहीं होने देने का ऐलान भी किया गया है।
दरअसल पिछले काफी दिनों से ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों ने बुधवार को कुरुक्षेत्र में प्रदेश स्तरीय बैठक की। शहर की जाट धर्मशाला में हुई बैठक में एसोसिएशन की कोर कमेटी के सदस्यों ने फैसला लिया कि 1 मार्च को सभी सरपंच सीएम हाउस का घेराव करने पंचकूला में एकत्रित होंगे। सरपंच पंचकूला के शालीमार ग्राउंड में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री हाउस का घेराव करने के लिए निकलेंगे। मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि इसके लिए सरपंच प्रतिनिधि, खाप पंचायतों व किसान संगठनों का सहयोग भी मांगेंगे। यही नहीं सरपंचों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे पंचकूला में सीएम हाउस के बाहर एक पक्का मोर्चा लगाकर वहीं बैठ जाएंगे। मांगे पूरी नहीं होने तक सरपंच वहीं डटे रहेंगे।
इसी के साथ बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि कल से सत्ताधारी नेताओं की कोई भी जनसभा किसी भी गांव में नहीं होने देंगे। यही नहीं 2024 के होने वाले लोकसभा व हरियाणा विधानसभा चुनावों में पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को टिकट देने वाली पार्टी को भी सरपंचों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।