हरियाणा भाजपा ने संगठनात्मक अनुशासन व एकता का परिचय देते हुए अमृत काल में रविवार को एक और नया इतिहास रच दिया। प्रदेश भर में रविवार को 4 हजार शक्ति केंद्रों पर संसद जैसा माहौल नजर आया। गांव स्तर पर लोग देश की नीति और प्रगति के रोडमैप की खुलकर चर्चा करते देखे गए।
4 हजार शक्ति केंद्रों पर 16 हजार कार्यकर्ताओं ने पढ़ा राष्ट्रपति का अभिभाषण
मौका था देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात के 98वें संस्करण सुनने उपरांत प्रदेश भर में 4 हजार से अधिक शक्ति केंद्रों पर राष्ट्रपति के अभिभाषण को चार-चार कार्यकर्ताओं द्वारा पढ़ना और चर्चा करने का। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के प्रयासों ने देश की सोच और विकास के रोडमैप की जानकारी को ग्राम स्तर तक पहुंचाया। 4 हजार शक्ति केंद्रों पर 16 हजार कार्यकर्त्ताओं द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद में पढ़े गए अभिभाषण को पढ़ा और कार्यकर्त्ताओं ने इस पर संसद की तर्ज पर विस्तार से चर्चा की।
चर्चा में खेती-किसानी व ग्रामीण विकास पर खुल कर बोले ग्रामीण
धनखड़ स्वयं बादली विधानसभा क्षेत्र के गांव न्यौला के बूथ नंबर 166 पर जमीन पर बैठ कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनी और फिर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ग्रामीणों के साथ खुलकर चर्चा की। ग्रामीणों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में उल्लेखित दुनिया में भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च होने, देश के 11 करोड़ छोटे किसान सरकार की प्राथमिकता और पी. एम. किसान सम्मान निधि के तहत सवा दो लाख करोड़ की धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजने । 3 करोड़ महिला किसानों के बैंक खातों में 54 हजार करोड़ रुपए भेजने । पशुपालकों व मछुआरों को किसानों की तर्ज पर किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने। बाजरे की फसल और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन की नीति । 2 वर्षों में 220 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की फ्री डोज देना ।
युवाओं ने भी खुलकर प्रकट किए अपने विचार
आयुष्मान योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को फ्री चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने सहित शिक्षा, महिला सुरक्षा, नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर विस्तार के साथ रुचिकर चर्चा हुई और ग्रामीणों विशेष युवाओं ने इन विषयों पर खुलकर अपने विचार रखे और मोदी सरकार की भावी नीतियों की खुल कर प्रशंसा की । धनखड़ ने कहा कि संसद से बाहर – राष्ट्रपति का अभिभाषण शायद पहली गांव स्तर पर पढ़ा गया।