कुरुक्षेत्र। पिछले कई दिनों से ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरंपचों ने आगे की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों ने पूर्व सरपंचों के साथ-साथ पंचों व गांव के आमजन से भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। जिसके तहत सरपंच अपने-अपने गांव के लोगों के संपर्क साधते नजर आए। सरपंचों ने एक मार्च को सीएम आवास को घेरने की नीति के अनुसार गांवों में जाकर अपने आंदोलन को तेज कर दिया है, जिसके लिए सरपंच अब घर-घर जाकर सरपंचों और पंचों के अलावा आम लोगों को भी ई-टेंडरिंग के बारे में बता रहे हैं। साथ ही सरपंचों ने गांव में भाजपा और जजपा के किसी भी नेता को गांव में न घुसने की भी चेतावनी दी हुई है।
बता दें कि पिछले कई दिनों से ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों का धरना लगभग एक माह से भी ज्यादा समय से जारी है। पहले सरपंच पहले बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देकर रोष जताते रहे तो वहीं कुछ समय बाद विधायक के आवास पर ई-टेंडरिंग का विरोध कर रोष जताते हुए नारेबाजी की। कुछ दिन भूख हड़ताल पर भी रहे, मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा गया। यहां तक कि सरकार द्वारा सरपंचों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण का विरोध करते हुए बहिष्कार भी किया।
मांगे न मानने तक चलेगा आंदोलन : खैरा
सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान जितेंद्र खैरा का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगे नहीं मान लेती तब तक आंदोलन चलता रहेगा। इसलिए अब एक मार्च को सीएम आवास का घेराव किया जाएगा। जिसके लिए सभी तैयारी जोरों पर की जा रही हैं। साथ ही गांव में किसी भी भाजपा-जजपा नेता को नहीं घुसने नहीं दिया जाएगा।