Haryana Vritant
  • डेढ़ माह में केवल 13 कार्यों के ही हुए वर्क आर्डर

विकास एवं पंचायत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक कुल पंचायतों में से 57 फीसदी पंचायतों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए हैं, जबकि 43 फीसदी पंचायतों ने अभी तक एक भी प्रस्ताव नहीं दिया है। फरीदाबाद में 99 प्रतिशत पंचायतें प्रस्ताव देकर नंबर एक पर हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 68 फीसदी पंचायतों ने विकास कार्यों के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिए

आलम यह है कि प्रदेश में तीन माह पहले नई पंचायतों का गठन हो चुका है, लेकिन अभी तक मात्र 13 विकास कार्यों के ही वर्क आर्डर हुए हैं। सरपंच पुरानी व्यवस्था बहाली की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि सरकार दो लाख रुपये से अधिक के काम ई-टेंडरिंग से कराने पर अड़ी हुई है।
विकास एवं पंचायत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक कुल पंचायतों में से 57 फीसदी पंचायतों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए हैं, जबकि 43 फीसदी पंचायतों ने अभी तक एक भी प्रस्ताव नहीं दिया है। फरीदाबाद में 99 प्रतिशत पंचायतें प्रस्ताव देकर नंबर एक पर हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 68 फीसदी पंचायतों ने विकास कार्यों के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिए। हरियाणा में पहले दो साल तक पंचायतों के चुनाव नहीं हुए, इससे विकास कार्य प्रभावित रहे। इस बार तीन दिसंबर को नई पंचायतों ने कार्यभार संभाला था। इसके बाद 19 जनवरी को सरकार ने पंचायतों में दो लाख रुपये से ऊपर के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग के आदेश जारी किए थे। 23 जनवरी को विकास कार्यों के लिए हरियाणा सरकार 1100 करोड़ रुपये पंचायतों के लिए जारी कर चुकी है।


मुख्यमंत्री के जिले में 8 और पंचायत मंत्री के जिले में 4 कामों के वर्क आर्डर हुए
अभी तक हरियाणा सरकार के पास 2 लाख रुपये तक के 2171 प्रस्ताव आए हैं। दो लाख रुपये से ऊपर के 1542 प्रस्ताव हैं। इनमें से 524 की प्रशासनिक स्वीकृति हो चुकी है, जबकि 375 के टेंडर जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 34 की बिड सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। मात्र 13 कामों के ही वर्क आर्डर जारी हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले करनाल से 8, पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के गृह जिले फतेहाबाद से 4 और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह जिले रोहतक जिले से 1 टेंडर शामिल है।

कुछ लोग भ्रमित होकर विरोध कर रहे हैं। हमें यकीन है कि हम सरपंचों को समझाने में कामयाब होंगे और गांवों के विकास के रास्ते खुलेंगे।  – देवेंद्र बबली, पंचायत मंत्री

1100 करोड़ रुपये पंचायतों के खाते में डालने के झूठे दावे किए जा रहे हैं। सरकार ने पंचकूला में एक बैंक में यह राशि जमा की है। जब तक सरकार नहीं मानेगी, आंदोलन जारी रहेगा। – रविंद्रकुमार, सदस्य, सरपंचएसोसिएशन।

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