डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की पैरोल के विरुद्ध दायर याचिका को लेकर हरियाणा सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। हरियाणा सरकार ने राम रहीम की पैरोल को सही ठहराया है। सरकार ने कहा कि राम रहीम को नियमों के तहत ही पैरोल दी गई। राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है।
राम रहीम को तय नियमों के तहत ही अन्य कैदियों की भांति पैरोल दी गई है। इसलिए याचिका खारिज की जाए। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 28 फरवरी तय की है। जबकि राम रहीम की पैरोल 1 मार्च को खत्म हो जाएगी।राम रहीम की पैरोल को एसजीपीसी ने चुनौती दी थी।
राम रहीम जब पिछली बार पैरोल पर बाहर आया था। तब राम रहीम की पैरोल को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि राम रहीम हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है।
राम रहीम की पैरोल के खिलाफ एसजीपीसी ने याचिका दायर की है। डेरा प्रमुख पर हत्या व दुष्कर्म जैसे मामलों में सजा काट रहा है। पंजाब में भी उनके खिलाफ कई मामले दर्ज है। उसक अनुयायियों ने कथित तौर पर गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान कया है। जिस पर सिखों व उसके अनुयायियों में कई बार विवाद हुआ। इसके चलते पंजाब में कई बार विरोध मार्च, पंजाब बंद, पंजाब में सड़कों और रेलवे लाइनों की नाकांदी की गई थी। डेरा प्रमुख को पैरोल देने से सिखों की भावनाएं आहत हुई है। राम रहीम को पैरोल देकर हरियाणा सरकार ने पूरे क्षेत्र में काननू व्यवस्था के लिए संकट पैदा कर दिया है।
साल 2023 के पहले महीने में ही राम रहीम को अब सरकार ने 40 दिन की पैरोल दे दी है। इससे पहले राम रहीम को साल 2022 में पहली बार 21 दिन की फरलो और 70 दिन की पैरोल मिली। राम रहीम की फरलो और पैरोल को लेकर सरकार विरोधियों के निशाने पर भी रही। इस दौरान 40 दिन की पैरोल में उसने नशे पर तीन गाने भी लॉन्च किए। वह बरनावा आश्रम में पहले भी 2 बार पैरोल काट चुका है।