मधुबन स्थित एफएसएल समेत पांचों लैब में पर्याप्त स्टाफ नहीं है, इस कारण विसरा से लेकर अन्य नमूनों की रिपोर्ट के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है।
हरियाणा की फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में तकनीकी स्टाफ समेत वैज्ञानिकों का भारी टोटा है। पर्याप्त स्टाफ नहीं होने के चलते प्रदेशभर में करीब 7 हजार मामलों की जांच लंबित है। इनमें अकेले 4 हजार से अधिक मामले तो विसरा रिपोर्ट से संबंधित हैं, जबकि अन्य नमूनों की रिपोर्ट भी समय से नहीं आ रही है। कई कई माह तक नमूनों की रिपोर्ट नहीं मिलने से पुलिस केसों की जांच भी प्रभावित हो रही है।
इस समय प्रदेश में कुल पांच फोरेंसिक साइंस लैब हैं। इनमें मुख्य लैब पुलिस अकादमी मधुबन में है। इसके अलावा, गुरुग्राम के भौंडसी, रोहतक के सुनारिया, हिसार और पंचकूला में क्षेत्रीय एफएसएल हैं। सबसे खास बात ये है कि इन सभी लैब में वरिष्ठ वैज्ञानिक, सहायक वैज्ञानिक, प्रयोगशाला सहायक के पद खाली पड़े हैं। खाली पदों और लंबित केसों को लेकर लैब के निदेशक एडीजीपी डाॅ. सीएस राव ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि, वह आज बाहर हैं।
प्रदेश की मुख्य एफएसएल लैब मधुबन में स्थित है। यहां पर कुल 214 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से मात्र 98 पद भरे हुए हैं और 116 पद खाली हैं। खाली पदों में सहायक निदेशक के 4, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी 20, वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक 26, वैज्ञानिक सहायक 30, प्रयोगशाला सहायक 18, प्रयोगशाला परिचर 16 और डार्क कक्ष परिचर का एक पद खाली है।
गुरुग्राम के भौंडसी स्थित लैब में कुल 21 का स्टाफ स्वीकृत है. इनमें से मात्र 5 लोगों का ही स्टाफ है, जबकि 16 पद खाली हैं।
सुनारियां लैब : रोहतक के सुनारियां स्थित लैब में कुल 21 पद स्वीकृत हैं। यहां भी 5 पद भरे हुए हैं, शेष 16 खाली हैं।
हिसार लैब : हिसार की लैब में मात्र तीन ही कर्मचारी काम कर रहे हैं, यहां पर 18 पद खाली हैं।
पंचकूला लैब : कुल 21 कर्मचारियों का स्टाफ स्वीकृत, लेकिन 5 कर्मचारी ही तैनात हैं और 16 पद खाली पड़े हैं।
पिछले साल हरियाणा लोक सेवा आयोग ने पांच वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों के लिए पद निकाले थे। इसके लिए 250 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन जब आयोग ने परिणाम जारी किया तो लिख दिया गया कि इन पदों के लिए कोई भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाया। दरअसल आयोग ने अपने नियमों में बदलाव करके लिखित परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक की शर्त लगा दी है, साथ ही नेगेटिव मार्किंग भी शुरू कर दी है। हरियाणा के अभ्यर्थी इस शर्त से पार नहीं पा रहे
एक अनुमान के अनुसार एफएसएल, हरियाणा हर साल 6000 आपराधिक मामलों में विश्लेषण करके अपनी रिपोर्ट देती है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, मधुबन में आठ डिवीजन और वर्गों में विभाजित किया गया है। इसमें रसायन विज्ञान, भौतिकी, जीव विज्ञान, सीरोलॉजी, बैलिस्टिक्स, दस्तावेज, इंस्ट्रूमेंटेशन और लाई-डिटेक्शन नाम से आठ खंड और तीन खंड- फोटो, सामान्य और सूचना शामिल हैं।