चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को लेकर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आमने सामने आ गए हैं। तीन दिन पहले धनखड़ ने मंत्री बबली को सरपंचों को लेकर अपने शब्दों पर संयम लेने की सलाह दी थी। इसके जवाब में पंचायत मंत्री ने कहा कि वे संगठन के लोग हैं, वे संगठन चलाने पर ध्यान दें। हम चुने हुए प्रतिनिधि हैं। सरकार चलाने का काम हमारा है
बबली बोले- हम जानते हैं कि सरकार कैसे चलानी है
पंचायत मंत्री चंडीगढ़ में सरपंच प्रतिनिधियों से साथ बैठक करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार ने सरपंच प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलावा भेजा था। काफी देर तक चली बैठक में सरपंचों की मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। इस दौरान जब उनसे धनखड़ और अजय चौटाला के बयान को लेकर सवाल पूछा गया तो बबली ने कहा कि वे संगठन के लोग हैं। उनका काम संगठन चलाना है। सरकार चलाने का काम चुने हुए प्रतिनिधियों का होता है और हम जानते हैं कि सरकार कैसे चलानी है।
धनखड़ ने बबली को शब्दों पर संयम रखने की दी थी सलाह
बता दें कि कई मौकों पर प्रदर्शनरत सरपंचों को लेकर बयान देने पर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को ओपी धनखड़ ने शब्दों पर संयम रखने की नसीहत दी थी। शुक्रवार को झज्जर में कार्यकर्ता मीटिंग के दौरान ओपी धनखड़ ने कहा था कि बबली के बयान गैर जिम्मेदाराना है। धनखड़ ने कहा था कि ई-टेंडरिंग एक अलग विषय है, लेकिन सरपंच व पंचायत की गरिमा अलग है। ऐसे में पंच-सरपंचों के लिए सोच समझ कर शब्दावली का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, फिर चाहे वह मंत्री क्यों न हो। यही नहीं इस दौरान धनखड़ ने अपने समय की पंचायतों का जिक्र करते हुए कहा था कि उनके समय में पंचायतों की बदौलत ही हरियाणा ओडीएफ में नम्बर वन आया था।
अजय चौटाला ने भी बबली के बयान को बताया था गलत
प्रदेश सरकार की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने भी ओपी धनखड़ के बयान का समर्थन किया था। बबली द्वारा सरपंचों को लेकर की गई बयानबाजी को अजय चौटाला ने गलत बताया था। उन्होंने कहा कि सभी को एक ही लाठी से नहीं आंका जा सकता। देवेंद्र बबली ने तो सभी सरपंचों को ही चोर कह दिया है।