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फतेहाबाद में नशा का मामला फिर तूल पकड़ने लगा है। इसी कड़ी में आरोप है कि पुलिस प्रशासन और नशा तस्करों के गठजोड़ की वजह से जाखल क्षेत्र में चिट्टे का नशा सरेआम बिक रहा है। बार-बार शिकायतें देने के बावजूद पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है।

हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर बसे जाखल क्षेत्र में धड़ल्ले से बिक रहे नशे के खिलाफ लोगों का रोष फूट पड़ा है। पुलिस पर ढुलमुल कार्रवाई के आरोप लगाते हुए बुधवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा कमेटी के सदस्यों के साथ काफी संख्या में क्षेत्रवासियों ने जाखल थाने के गेट के बाहर धरना लगा दिया। धरने पर गांव सिधानी, मुंदलिया, चांदपुरा, जाखल, म्योंद कलां सहित आसपास के कई गांवों के लोग पहुंचे।

पुलिस नहीं करती नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
किसान यूनियन के राज्य कमेटी सदस्य अजय सिधानी व इकाई प्रधान चरणजीत नड़ेल ने बताया कि पुलिस प्रशासन और नशा तस्करों के गठजोड़ की वजह से जाखल क्षेत्र में चिट्टे का नशा सरेआम बिक रहा है। बार-बार शिकायतें देने के बावजूद पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। कुछ दिन पहले गांव चूहड़पुर में चिट्टा नशा बेचते हुए नशा तस्करों को यूनियन के कार्यकर्ताओं ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा दिया था।

मगर पुलिस ने उन नशा तस्करों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पुलिस के इसी रवैये की वजह से नशा तस्करी पर लगाम नहीं लग रही है। यूनियन के कार्यकर्ता और पड़ोसी गांव के सरपंच द्वारा लिखित में थाना जाखल के एसएचओ को शिकायत दी गई, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई।

पंजाब से आसानी से आ रहा चिट्टा
यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि पंजाब से आसानी से जाखल एरिया में चिट्टा सप्लाई हो रहा है। अब तो गांवों में गली-गली में नशा तस्कर सप्लाई कर रहे हैं। इससे युवा वर्ग बड़े पैमाने पर नशे के दलदल में फंस चुके हैं। बॉर्डर पर स्थित होने के कारण जिले के बड़े अधिकारी क्षेत्र के इन मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं जबकि स्थानीय स्तर के अधिकारियों की सांठगांठ नशा तस्करों से चल रही है। ऐसे में नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। धरने पर बड़ी संख्या में महिलाओं की भी भागीदारी रही।

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