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फतेहाबाद: गेहूं, धान, नरमा और सरसों जैसी परंपरागत फसलों को छोड़ किसान अब ऐसी खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं जिसमें कम लागत के साथ अधिक मुनाफा तो मिलता ही है। साथ ही पानी की बचत कर समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। फतेहाबाद के गांव धांगड़ निवासी धर्मवीर जो कि लॉ ग्रुजेएट हैं। धर्मवीर ने ऐसी खेती पद्धति को अपनाया और अपने खेत में आडू का बाग लगा कर बागवानी शुरु की। 

धर्मवीर के अनुसार:

इस बाग को जब उन्होंने लगाया तो सरकार की ओर से उन्हें आर्थिक मदद भी दी गई और उसके बाद पौधों के रख रखाव, सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन और पानी के टैंक के लिए भी 100 प्रतिशत सबसिडी दी गई।

किसान धर्मवीर ने कहा कि अगर सरकार उनके प्रोडेक्ट को बेचने के लिए डायरेक्टर सेलिंग का प्लेटफार्म मुहैया करवा दे तो मुनाफा और भी बढ़ सकता है। उन्होंने किसानों के लिए एक मैसेज भी दिया कि किसान अधिक पानी वाली फसलों का मोह त्याग कर इस प्रकार की फसलों पर अपना ध्यान दें, तो वह कम लागत में और लंबे समय तक मुनाफा ले सकते हैं। 

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