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यमुनानगर: ओवरलोड गाड़ियों से रिश्वत लेने के मामले में अंबाला आरटीए रमित यादव के ड्राइवर ने यमुनानगर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। स्टेट विजिलेंस करनाल की टीम ने पूछताछ के लिए आरोपी को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। स्टेट विजिलेंस अधिकारी के अनुसार जब अंबाला में आरटीए सचिव के पद पर एचसीएस रमित यादव थे, तो उन्होंने ओवरलोड माफिया से आए रुपए ड्राइवर प्रवीण को दिए थे। इन रुपयों को ड्राइवर प्रवीण से रिकवर किया जाना है। बता दें कि इस मामले में यमुनानगर और अंबाला के आरटीए सहित 10 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

लंबे समय से खेला जा रहा था रिश्वतखोरी का खेल

दरअसल आरोपी आरटीए का ड्राइवर प्रवीण इस मामले में फरार चल रहा था। वहीं प्रवीण ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में याचिका भी लगाई थी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। इसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। माना जा रहा है कि ड्राइवर से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। इससे पहले भी कई लोगों को गिरफ्तार करने बाद की गई पूछताछ में विजिलेंस को काफी जानकारी मिली थी कि किस प्रकार ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई न करने की एवज में रिश्वतखोरी का खेल खेला जा रहा था।

यमुनानगर और अंबाला के आरटीए पहले ही हो चुके गिरफ्तार

यमुनानगर के आरटीए सचिव डॉ सुभाष चंद और अंबाला के आरटीए रमित यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। विजिलेंस इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि ओवरलोड गाड़ियों से रिश्वत लेने के मामले में अब तक 2 आरटीओ अधिकारियों समेत 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं अंबाला आरटीआर रमित यादव का ड्राइवर प्रवीण इस मामले में ग्यारहवां आरोपी है, जिसे विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि प्रवीण ने खुद ही कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। विजिलेंस ने कोर्ट से ड्राइवर प्रवीण का 7 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन न्यायालय ने विजिलेंस को 4 दिन का रिमांड दिया है। 

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