किसी भी देश या प्रदेश की लोक कला, परंपरा व संस्कृति को पहचानना ही समाज की आत्मा का सटीक चित्रण करता है। लोक परंपरा, संस्कृति व लोक कलाओं को जिंदा रखने के लिए लोक संगीत और लोक गीतों का सबसे अहम योगदान है। लोक संस्कृति व लोक परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उस प्रदेश के लोक कलाकार व गायकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
किसी भी देश या प्रदेश की लोक कला, परंपरा व संस्कृति को पहचानना ही समाज की आत्मा का सटीक चित्रण करता है। लोक परंपरा, संस्कृति व लोक कलाओं को जिंदा रखने के लिए लोक संगीत और लोक गीतों का सबसे अहम योगदान है। लोक संस्कृति व लोक परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उस प्रदेश के लोक कलाकार व गायकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
लोक कलाकारों के रोजगार के लिए अच्छा प्लेटफार्म तैयार करे सरकार
उत्तराखंड की इस महान संस्कृति व लोक परंपरा को लोगों तक पहुंचाने के लिए गढ़वाली लोक गायक सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं। ये बातें हिसार हरियाणा कृषि यूनिवर्सिटी में आयोजित उत्तराखंडी भव्य सांस्कृतिक समारोह में पहुंचे उत्तराखंड के लोक गायकों ने कही। उन्होंने कहा कि कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए हरियाणा सरकार ने अपने बजट में लोक कलाकारों के लिए पेंशन देने का प्रावधान किया है, वैसे ही सभी प्रदेश सरकारों को करना चाहिए। केंद्र सरकार को कलाकारों के रोजगार देने का प्लेटफार्म तैयार करना चाहिए।
लोकगीत लोगों को झूमने पर मजबूर कर देते हैं, जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। लोक गायकों ने अब तक लोक गीतों ने जिंदा रखा है, लेकिन अब तक की सरकारों ने लोक गायकों व लोक कलाकारों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है, जिस प्रकार हरियाणा सरकार ने बजट में लोक कलाकारों के लिए पेंशन का प्रावधान किया है। वैसे ही देश के सभी प्रदेश सरकारों को भी करना चाहिए। केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि देश के सभी लोक कलाकारों के लिए राेजगार देने का प्लेटफार्म तैयार करें। मीना राणा, उत्तराखंडी लोक गायिका।
हेमा ध्यानी, उत्तराखंडी लोक गायिका
मुझे उत्तराखंडी लोक गायक होने पर बहुत गर्व है। हमारे पहाड़ों के गीत आज पूरे भारत में चाव से सुने जाते हैं। इसका श्रेय लोक कलाकारों व गायकों को जाता है। इसके बावजूद भी सरकार की ओर से लोक गायकों को ज्यादा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार एक कारगर पॉलिसी बनाकर लोक कलाकारों व गायकों को प्रोत्साहन दें। लोक गायकों को सरकारी रोजगार का अवसर मिलना चाहिए। रोजगार के अभाव में लोक गायकों व लोक कलाकारों को यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया की ओर रुख करना पड़ रहा है।
मनोज आर्या, उत्तराखंडी लोक गायक
मैंने वरिष्ठ लोक गायकों को सुनकर ही गाना सीखा है। गायकी बहुत बड़ी विधा है, हम तो अभी तक संगीत की एबीसीडी भी नहीं सीख पाए हैं। मेरा लोक गीत रोडवेज व चाह का होटल अभी रिलीज हुआ है। इन्ही के कारण लोग मुझे पहचानने लगे हैं। आज हिसार हरियाणा में आकर मैे मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि इतने बड़े मंच पर मैंने प्रस्तुति दी है। लोकगीतों में प्राचीन परंपराए, रिति-रिवाज, धार्मिक एवं सामाजिक जीवन के साथ अपनी संस्कृति दिखाई देती है। साहित्य की प्रमुख विधाओं में लोकगीतों का स्थान सर्वोपरी है।
दिलीप रावत, उत्तराखंडी लोक गायक
उत्तराखंड हमेशा से ही लोक संगीत का धनी रहा है। फिर चाहे उसकी बोली गढ़वाली हो, कुमांऊनी हो या फिर जौनसारी। शादी के समय मंगल गीत का गाना या फिर खेतों में काम करते हुए विशेषकर धान की रुपाई करते हुए गीत गाना बहुत ही आकर्षण का केंद्र रहता है। लोक संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी जीवंत रखने में लोक गायकों की अहम भूमिका रही है। इस कारण सरकार को लोक गायकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए।