Haryana Vritant

पति-पत्नी करीब छह साल से अलग रहे रहे थे। लेकिन, न्यायाधीश की सलाह ने 12 साल पुराने विवाह को बचा लिया। दोनों के आपस में तीन केस चल रहे थे। दोनों ने तलाक, दहेज, क्षतिपूर्ति के केस वापस लेने का फैसला लिया।

दिल से जुड़े रहे छह साल से अलग रह रहे पति पत्नी को न्यायालय ने एक कर दिया

छह साल से अलग रह रहे पत्नी के रिश्तों में जमी बर्फ प्रधान कुटुंब न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को पिघली। नतीजा… दोनों ने एक-दूसरे के साथ फिर से रहने का न सिर्फ फैसला कर लिया बल्कि आपस में दायर सभी केसों को वापस लेने का निर्णय भी कर लिया। न्यायालय ने दोनों को एक साथ रहने के लिए कई बार अवसर दिए। कई बार पेशियां लगाईं। अंतत: बुधवार को चार घंटे तक लगातार बातचीत के बाद दोनों साथ रहने को राजी हो गए।

दरअसल हरियाणा के कैथल निवासी युवक और करनाल निवासी युवती का वर्ष 2011 में विवाह हुआ था। दोनों वर्ष 2017 तक एक साथ रहे लेकिन इसी बीच विभिन्न पारिवारिक कारणों से दोनों के बीच दूरियां इतनी बढ़ गईं कि 2017 में युवक ने कैथल में प्रधान कुटुंब न्यायाधीश डा. गगनदीप कौर सिंह की अदालत में तलाक का केस दायर कर दिया।

इस बीच युवती ने भी करनाल में दहेज एवं गुजारे भत्ते के केस दायर किए। नतीजा.. दोनों के रिश्ते बिगड़ते चले गए। छह साल से दोनों अलग-अलग रह रहे थे। विद्वान न्यायाधीश ने दोनों को अलग-अलग रहते हुए भी दिल से आपस में जुड़े होने को महसूस किया तो दोनों के वकीलों की मदद से उन्हें कई बार समझाया। सोमवार को भी चार घंटे तक दोनों के वकील कर्ण कालड़ा एवं मनीष सीकरी के सहयोग से दोनों ने चार घंटे तक बातचीत की।

इसके साथ न्यायाधीश ने विशेष समय देते हुए दोनों को अलग-अलग होने से होने वाली परेशानियों, परिवार के टूटने के कारण होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया। साथ ही छोटे-मोटे मनमुटाव को आपसी बातचीत से खत्म कर एक साथ रहने के लिए प्रेरित किया। लगातार हुई बातचीत से दोनों के आपसी गिले-शिकवे खत्म हो गए और दोनों ने एक साथ रहने का फैसला कर लिया। इस तरह से छह साल से अलग-अलग रह रहे दोनों पति-पत्नी ने एक साथ रहकर अपना घर बसाने का फैसला कर लिया।

न्यायाधीश डा. गगनदीप कौर सिंह ने फैसले में कहा कि आपसी मनमुटाव कई बार इतना बढ़ जाता है कि परिवार टूटने के कगार पर आ जाते हैं। यदि इन मनमुटाव को आपस में ही निपटा लें तो घर टूटने से बच सकते हैं। इसी में परिवार की भलाई होती है। दोनों ने इस बात को समझा, जो दोनों के लिए अच्छी बात है।

माननीय न्यायालय की काउंसलिंग के बाद दोनों ने एक साथ रहने का फैसला लिया है। इसके तहत युवक ने तलाक का केस वापस लेने पर सहमति दी है। साथ ही युवती ने भी दहेज एवं गुजारे भत्ते के केस को वापस लेने पर सहमति दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *